असफलता हमें निराश करती है। हम व्यथित हो जाते हैं। ऐसा लगता है जैसे हमने बहुत कुछ खो दिया है। संसार काटने को दौड़ता हुआ महसूस होता है। मन ...
असफलता हमें निराश करती है। हम व्यथित हो जाते हैं। ऐसा लगता है जैसे हमने बहुत कुछ खो दिया है। संसार काटने को दौड़ता हुआ महसूस होता है। मन बिल्कुल नीरस हो जाता है। उसके बाद भविष्य को लेकर हम आशावादी नहीं रह पाते।
लेकिन एक बात हम भूल जाते हैं कि असफलता सफलता की कुंजी है। यदि बारीकी और सोच-समझकर देखा जाये तो असफलता हमें कई मायने में सिखाती है। हमें आगे बढ़ने का हौंसला दे सकती है, मगर उसके लिए हमें खुद से पूछनी होंगी कई बातें।
सबसे पहले हम पूछें कि हम असफल क्यों हुए?
क्या हमारी असफलता होनी चाहिए थी?
कहां हमने चूक कर दी?
कितने कदम हम दूर रह गये लक्ष्य प्राप्त करने के लिए?
हमारी तैयारी उतनी बेहतर क्यों नहीं थी?
ऐसे तमाम सवाल आप खुद से पूछ सकते हैं। यकीन मानिये उनका उत्तर भी आप स्वयं तलाश सकते हैं। असफलता के बाद सफलता मिलती है यह हमने बहुत सुना है। ऐसा भी नहीं कि एक बार में, दो बार में, तीन बार में आप जीत जायें। सफल होने के लिए बहुत पड़ाव पार करने पड़ते हैं।
सफल होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, लेकिन एक मामूली कारण आपकी असफलता की वजह बन सकता है।
यदि हम निराशा से खुद को बचा सकते हैं, तो हम विजेता हैं। मन में विश्वास से तो दुनिया भी जीती जा सकती है। न डिगने वाली आदत हमें जीत का स्वाद दिला सकती है।
-हरमिन्दर सिंह चाहल.
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