राह जब सूनी हो और अपनेपन की हमें तलाश हो, तो हर उस चीज को महसूस करना चाहिए जो करीब हो। चाहें आसपास फैली हरियाली हो, उनके पत्ते हों, शाखा...
राह जब सूनी हो और अपनेपन की हमें तलाश हो, तो हर उस चीज को महसूस करना चाहिए जो करीब हो। चाहें आसपास फैली हरियाली हो, उनके पत्ते हों, शाखाओं का झूलना हो, चिडि़यों का चहकना हो और भी बहुत कुछ, सभी को महसूस कीजिये आप खुद को खुश महसूस करेंगे। आप ऐसे वातावरण में स्वयं को हंसता, खेलता और इतराता पायेंगे जो एक मौके पर कई खूबसूरत जीवन जीने के बराबर होगा।
जिंदगी की मुस्कान को दिल से छूओ। हंसी को दबाईये मत। खुलकर हंसिये।
मेरा मन यह लिखते हुए झूम रहा है कि -
‘हंसी खुशगवार है,
खुशनुमा ये पल हैं,
खूबसूरती है उसमें,
जो जियें ऐसे पल।’
लोग अपने तरीके से जी रहे हैं। आप भी उनमें ही हैं। हर किसी का जीवन अपना है।
कुछ सवाल आप इस मुद्दे पर स्वयं से पूछिये :
- क्या वे खुश होकर जीवन जी रहे हैं?
- क्या वे दुखी होकर जीवन जी रहे हैं?
- क्या वे सिर्फ जी रहे हैं?
कुछ सरल तरीके अपनाईये :
जीवन को भार मत मानिये
आप गधे नहीं है। आप जानवर नहीं हैं। आप इंसान हैं। जीवन भार नहीं, उपहार है। काम कम या ज्यादा हो सकते हैं। उन्हें करने से ही बोझ कम होता है। बोझ कम होगा तो भार अपने आप ही महसूस नहीं होगा।हार मत मानिये
हारना गंभीर बीमारी की तरह है। एक बार आपको जकड़ लिया तो गंभीर रुप ले लेती है। फिर इलाज कठिन हो सकता है। इलाज से बचिये, निरोगी बनिये। जीत के मकसद से हर मैदान में उतरिये। आखिर समय तक लड़ने से आपमें साहस की उत्पत्ति होगी जिससे आपको मानसिक बल मिलेगा। यह बल आपको भविष्य की कठिनाईयों से लड़ने में सहायक होगा। फिर बड़े पहाड़ पर चढ़ना आपके लिए रोजमर्रा की बात बन जायेगी। यह सब इसलिए हो पाया क्योंकि आपने हार नहीं मानी।कोशिश जारी रखिये
जीवन में निशाना लेकर चलना अच्छी बात है। निशाना नहीं लगा, फिर कोशिश कीजिये। कोशिश तबतक जारी रखिये जबतक आप विजयी नहीं हो जाते। कोशिशें जीवन को बदल देती हैं।निराशा को मन से बाहर करते रहिये
निराशा से मत घबराइये। निराशा आपके मन के दरवाजे को खटखटाती रहेगी। उससे घबराइये मत। आप उसे नजरअंदाज करते रहिये। आखिर में वह थककर वापस नहीं लौटेगी।सकारात्मक को भीतर लाइये
हमेशा यह कोशिश करते रहिये कि अच्छे विचार आपके मन को छूते रहें। बुरे विचारों को बाहर करते रहिये। मन को सफेद करने की कोशिश में उसपर बुरी सोच के छीटें नहीं पड़ेंगे। तब मन निर्मल रहेगा। वह खुशी से नाचने लगेगा। यही तो जीवन का रस होगा।जानते हैं आप कि जीवन का सबसे अच्छा पहलू है कि ‘‘जीवन आपसे मुस्कराने को कहता है’’, और वह बार-बार यही दोहराता है कि ‘‘उसे फीका मत होने दीजिये, रस में रखिये तो वह आपकी मुस्कान को प्रफुल्लित करता रहेगा।’’
जिंदगी की ताकत को पहचानिये।
-हरमिन्दर सिंह चाहल.
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Happiness in Life.